ज्योतिषां सूर्यादिग्रहाणां बोधकं शास्त्रम् अर्थात सूर्यादि ग्रह और काल का बोध कराने वाले शास्त्र को ज्योतिष शास्त्र कहा जाता है। इसमें मुख्य रूप से ग्रह, नक्षत्र आदि के स्वरूप, संचार, परिभ्रमण काल, ग्रहण और स्थिति संबधित घटनाओं का निरूपण एवं शुभाशुभ फलों का कथन किया जाता है।
एस्ट्रोलॉजी को हिंदी में क्या कहते हैं?
ज्योतिष शब्द का यौगिक अर्थ ग्रह तथा नक्षत्रों से संबंध (सिद्धांत) ज्योतिष का भी बोध होता है, तथापि साधारण लोग ज्योतिष विद्या से फलित विद्या का अर्थ ही लेते हैं।
अपने भाग्य के बारे में कैसे जाने?
किसी व्यक्ति का भाग्य कैसा होगा, यह उसकी कुंडली के नवम भाव से देखकर पता लगाया जा सकता है। इस भाव में जो राशि होती है, उसके अनुसार तय किया जाता है कि व्यक्ति का भाग्योदय उसकी आयु के किस वर्ष में होगा। – यदि नवम भाव में सूर्य की राशि सिंह है तो भाग्योदय 22वें वर्ष में होगा।
ज्योतिष कैसे सीखते हैं?
सबसे पहले तो आप यह चुनें कि आपकी रुचि ज्योतिष की किस ब्रांच में हैं। उससे जुड़े किसी विद्वान ज्योतिषी तथा इंस्टीट्यूट का पता मालूम करें। इसके बाद आप वहां पर जाकर कोर्स सीखने की शुरुआत कर सकते हैं। जन्मकुंडली तथा हस्तरेखा सीखने के अधिकतर कोर्सेज की फीस लगभग 2,500 से 10,000 के बीच होती है।
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार जिनकी जन्मपत्री मे बुध कन्या या मिथुन राशि में पांचवें घर में और मंगल एवं चन्द्रमा ग्यारहवें घर में होता है उनकी कुण्डली में धन योग बनता है। ऐसे व्यक्ति धनवान होते हैं।
ज्योतिष का जनक कौन है?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ज्योतिष के 18 महर्षि प्रवर्तक या संस्थापक हुए हैं। कश्यप के मतानुसार इनके नाम क्रमश: सूर्य, पितामह, व्यास, वशिष्ट, अत्रि, पाराशर, कश्यप, नारद, गर्ग, मरीचि, मनु, अंगिरा, लोमेश, पौलिश, च्यवन, यवन, भृगु एवं शौनक हैं।
क्या कुंडली में विश्वास करना चाहिए?
बिल्कुल नहीं! हमें कुंडली में विश्वास नहीं करना चाहिए। कुंडली में विश्वास करना एक बहुत बड़ा अंधविश्वास मात्र है।
ज्योतिष कितना सच है?
इसे व्यापार का रूप देकर धन कमाने के लालच में झूठी भविष्यवाणी करके शोषक वर्ग शोषण के धंधे में लग गया। जो भविष्यवाणी सच नहीं होती, उसके भी मनमाने कारण निर्मित कर लिए जाते और जो सच हो जाती, उसका बढ़ा-चढ़ाकर बखान किया जाता। इसके चलते भारत में ज्योतिष का जन्म होने के बावजूद अब यह विद्या भारत से ही लुप्त हो चली है।
क्या कुंडली सही होती है?
इसके जवाब में देवी प्रसाद कहते हैं, “जन्म कुंडली बेमानी नहीं होती है. वो व्यक्ति के भविष्य का पूर्वानुमान होती है लेकिन वो सौ फ़ीसदी सच नहीं होती है.”
भाग्य कब बदलता है?
गुरु का भाग्योदय वर्ष 16 वर्ष माना जाता है। अर्थात व्यक्ति को पहला अवसर 16वें वर्ष में मिलेगा। इसके बाद क्रमश: 32वें, 48वें, 64वें वर्ष में परिवर्तन अवश्य आएँगे। इसके अलावा हर महादशा में गुरु का प्रत्यंतर उसके लिए शुभ फलों की प्राप्ति कराएगा।
पहला घर किसका होता है?
किसी भी जातक के जन्म के समय पूर्वी क्षितिज पर जो राशि उदित होती है उस राशि को ही लग्न कहते हैं तथा इस लग्न राशि को कुंडली के प्रथम भाव में स्थापित करके सभी ज्योतिषीय गणनाएं की जाती हैं तो क्योंकि जन्म के समय उदित लग्न को कुंडली के प्रथम भाव में स्थापित किया जाता है तो इसलिए जन्म कुंडली के प्रथम भाव का नाम ही लग्न या …
सोया हुआ भाग्य कैसे जगाए?
एक उपाय : यदि आपका भाग्य सोया हुआ है तो आप बृहस्पति से संबंधित उपाय करें। जैसे पीपल की जड़ में नित्य जल चढ़ाएं। गुरुवार का व्रत रखें। नाक साफ रखें।
ज्योतिष सीखने में कितना खर्चा आता है?
औसत पाठ्यक्रम शुल्क INR 10,000 – 2,00,000 के बीच है।
ज्योतिष में मुझे सबसे पहले क्या सीखना चाहिए?
The average course fees ranges from INR 10,000 – 2,00,000.
मुझे ज्योतिष के बारे में क्या पता होना चाहिए
जबकि कोई भी अपने सूर्य और राशियों की तरह सबसे प्रवेश स्तर के पहलुओं को आसानी से सीख सकता है, यह सिर्फ हिमशैल का सिरा है। इनके अलावा, आप सूर्य राशियों, चंद्र राशियों, लग्नों, ग्रहों की राशियों, घरों और अन्य चार्ट पहलुओं की एक पूरी मेजबानी के बारे में जानना चाहेंगे।
धन का स्वामी कौन है?
While anyone can learn the most entry-level aspects with ease, like their sun and zodiac signs, this is just the tip of the iceberg. In addition to these, you’ll want to learn about sun signs, moon signs, ascendants, planetary signs, houses, and a whole host of other chart aspects.
भाग्य को मजबूत कैसे बनाएं?
ज्योतिष इस धारणा के आधार पर सांसारिक घटनाओं की भविष्यवाणी करने की एक विधि है कि आकाशीय पिंड-विशेष रूप से ग्रहों और सितारों को उनके मनमाने संयोजन या विन्यास (नक्षत्र कहा जाता है) में माना जाता है – किसी तरह से या तो सबल्यूनर दुनिया में परिवर्तन निर्धारित या इंगित करते हैं।
सबसे पवित्र ग्रह कौन सा है?
Astrology is a method of predicting mundane events based upon the assumption that the celestial bodies—particularly the planets and the stars considered in their arbitrary combinations or configurations (called constellations)—in some way either determine or indicate changes in the sublunar world.
मेरी कुंडली में क्या दोष है?
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार धन की स्वामी लक्ष्मी हैं , शक्ति । कुबेर देवताओं खजांची है ।
भारत में पहला ज्योतिषी कौन था?
भाग्य भाव के स्वामी मंगल हों तो ऐसे लोगों को भाग्य को प्रबल करने के लिए मंगल ग्रह से जुड़े उपाय करने चाहिए। आपको मंगलवार के दिन मंगल बीज मंत्र ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः का यथासंभव जप करना चाहिए इसके साथ ही हनुमान चालीसा का पाठ करने से भी आपको भाग्य का सहयोग मिलने लग जाता है।
गुण न मिले तो क्या करे?
शनि (ग्रह) – विकिपीडिया
शादी के लिए कम से कम कितने गुण मिलने चाहिए?
जब कुंडली में प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम अथवा द्वादश भाव में मंगल होता है, तब मांगलिक दोष लगता है. इस दोष को विवाह के लिए अशुभ माना जाता है. एक सफल सुखद वैवाहिक जीवन के लिए बेहद आवश्यक है कि दोनों ही जीवन साथी की कुंडली में मंगल दोष ना हो.
कौन सा ग्रह खराब है कैसे जाने?
- डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली।
- सूर्य ग्रह से रोग
- चन्द्र ग्रह से मानसिक रोग
- मंगल ग्रह और सुस्त व्यक्ति
- बुध ग्रह से दमा और अन्य रोग
- ब्रहस्पति ग्रह और मोटापा
- शुक्र ग्रह और शुगर या मधुमेह
- शनि ग्रह और लम्बे रोग
ज्योतिष गलत क्यों है?
ऋषि भृगु को ‘हिंदू ज्योतिष का पिता’ भी कहा जाता है, और वे सप्तऋषि या सात वैदिक ऋषियों में से एक हैं।
लोग कुंडली में विश्वास क्यों करते हैं?
The sage Bhirgu is also called the ‘Father of Hindu Astrology’, and is one of the venerated Saptarishi or seven Vedic sages.